Bihar Desi Gopalan Protsahan Yojana, बिहार सरकार ने राज्य में पशुपालन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बिहार देसी गोपालन प्रोत्साहन योजना 2024 की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के किसानों को गाय पालन के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसके साथ ही यह योजना देसी नस्ल की गायों के संरक्षण और उनकी संख्या बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे न केवल दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय में भी सुधार होगा। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से समझें और जानें कि यह कैसे किसानों के जीवन में बदलाव ला सकती है।
योजना का उद्देश्य
बिहार देसी गोपालन प्रोत्साहन योजना 2024 का प्रमुख उद्देश्य देसी नस्ल की गायों को बढ़ावा देना है। वर्तमान में विदेशी नस्ल की गायों का चलन बढ़ता जा रहा है, जिससे देसी नस्ल की गायों की संख्या घट रही है। देसी गायों की नस्ल न केवल पोषण के दृष्टिकोण से बेहतर होती है, बल्कि उनकी देखभाल भी आसान होती है। इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे देसी गायों का पालन कर सकें और उनके द्वारा उत्पादित दूध से अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
बिहार देसी गोपालन प्रोत्साहन योजना के लाभ
- आर्थिक सहायता: योजना के तहत किसानों को देसी नस्ल की गायों के पालन के लिए आर्थिक अनुदान प्रदान किया जाएगा। यह अनुदान किसानों को गायों की खरीद, उनकी देखभाल, चारा और चिकित्सा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा।
- दुग्ध उत्पादन में वृद्धि: देसी गायों के पालन से किसानों को गुणवत्तापूर्ण दूध प्राप्त होगा, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों को इसका आर्थिक लाभ भी मिलेगा।
- स्वास्थ्यवर्धक दूध: देसी गायों का दूध विदेशी नस्ल की गायों के दूध की तुलना में अधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण स्तर में भी सुधार होगा।
- आत्मनिर्भरता: इस योजना के माध्यम से किसान न केवल गाय पालन में आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि वे अपनी आय में भी वृद्धि कर सकेंगे। साथ ही, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी।
योजना के तहत मिलने वाले अनुदान की जानकारी
बिहार देसी गोपालन प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों को गाय पालन के लिए प्रत्येक गाय पर एक निश्चित राशि का अनुदान प्रदान किया जाएगा। यह अनुदान गायों की देखभाल और उनके स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दिया जाता है। योजना के तहत किसानों को उनकी पात्रता के अनुसार अनुदान दिया जाएगा, जिससे वे देसी गायों की नस्ल को बढ़ावा दे सकें।
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देसी नस्ल की गायों की विशेषताएँ
- देसी गायों की प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, जिससे वे बीमारियों से लड़ने में सक्षम होती हैं।
- ये गायें कम चारा खाती हैं और फिर भी अधिक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण दूध देती हैं।
- देसी गायों का दूध ए2 प्रोटीन से भरपूर होता है, जो सेहत के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है।
- इन गायों की देखभाल में विदेशी नस्ल की गायों की तुलना में कम खर्च आता है।
बिहार देसी गोपालन प्रोत्साहन योजना के लिए पात्रता
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्रता मापदंड निर्धारित किए गए हैं:
- बिहार का स्थायी निवासी: योजना का लाभ केवल बिहार राज्य के स्थायी निवासी किसान ही उठा सकते हैं।
- लघु और सीमांत किसान: योजना का मुख्य उद्देश्य लघु और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचाना है, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है।
- गाय पालन का अनुभव: जिन किसानों के पास पहले से गाय पालन का अनुभव है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन नए किसानों को भी इस योजना के तहत प्रोत्साहित किया जाएगा।
बिहार देसी गोपालन प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
योजना के तहत ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन किया जा सकता है। सरकार ने योजना को सरल और सुलभ बनाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को बेहद आसान बनाया है। किसान अपने निकटतम कृषि विभाग या पशुपालन कार्यालय में जाकर या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आइए, इस प्रक्रिया को विस्तार से समझें।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले किसान को बिहार सरकार के पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- पंजीकरण करें: पोर्टल पर नया खाता बनाकर पंजीकरण करना होगा, जिसमें किसान की व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि भरने होंगे।
- आवेदन फॉर्म भरें: पंजीकरण के बाद, किसान को योजना के लिए आवेदन फॉर्म भरना होगा, जिसमें गाय पालन से संबंधित जानकारी देनी होगी।
- दस्तावेज़ अपलोड करें: आवेदन फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, भूमि के कागजात, बैंक खाता विवरण आदि अपलोड करने होंगे।
- आवेदन जमा करें: आवेदन फॉर्म और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद इसे सबमिट कर दें। इसके बाद आवेदन की समीक्षा की जाएगी और पात्र किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
जो किसान ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते, वे नजदीकी पशुपालन विभाग में जाकर ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें वहां से आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा और उसे भरकर आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ जमा करना होगा। इसके बाद आवेदन की जांच की जाएगी और पात्र किसानों को योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज
योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे:
- आधार कार्ड: पहचान प्रमाण के रूप में।
- भूमि के कागजात: यह प्रमाण कि किसान के पास गाय पालन के लिए पर्याप्त भूमि है।
- बैंक खाता विवरण: अनुदान की राशि सीधे बैंक खाते में जमा की जाएगी।
- पासपोर्ट साइज फोटो: हाल ही में खींची गई फोटो आवेदन के साथ संलग्न करनी होगी।
योजना के लाभार्थियों की संख्या और प्रभाव
बिहार देसी गोपालन प्रोत्साहन योजना 2024 के तहत अब तक हजारों किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है। देसी गायों की नस्ल को बढ़ावा देने के साथ ही यह योजना दुग्ध उत्पादन में वृद्धि कर रही है और राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधार रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं।
कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव
इस योजना के लागू होने के बाद राज्य में कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देखे गए हैं। देसी गायों के पालन से न केवल दुग्ध उत्पादन बढ़ा है, बल्कि इससे किसानों की आय में वृद्धि भी हुई है। इसके अलावा, योजना ने पशुपालन के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दिया है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल रहा है।
बिहार देसी गोपालन प्रोत्साहन योजना 2024 बिहार सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के किसानों को देसी गायों के पालन के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से किसान न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। साथ ही, देसी गायों की नस्ल के संरक्षण और उनके दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से राज्य के दुग्ध उत्पादन में भी बड़ा योगदान होगा।
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